Add To collaction

हमारा बचपन

*हमारा बचपन*
( बाल दिवस विशेष)

आज हम सभी बहुत प्रगति कर चुके हैं। आज हमें कोई नाटक, फिल्म या कोई धारावाहिक देखना हो तो हम मोबाइल या लैपटॉप में देख लिया करते हैं। परंतु उन दिनों ऐसा संभव नहीं था। उस समय टेलीविजन में प्रसारित हुए कार्यक्रमों का भी अलग ही मजा हुआ करता था। और उस समय कार्यक्रमों को देखने में बहुत आनंद भी आता था। अपने मित्रों के साथ शरारतें करना, कंचे (गोली ) खेलना,गिल्ली डंडा, लट्टू फिराना  हमारे बचपन के खेलों में प्रमुख हुआ करता था। बचपन में हम सभी की प्रिय सीरियल शक्तिमान,छोटा भीम हुआ करता था। शक्तिमान शायद उस समय का सबसे लोकप्रिय धारावाहिक था। हम सभी खाना पीना छोड़ कर शक्तिमान सीरियल को देखने बैठ जाते थे, और हम शक्तिमान के जैसा बनना चाहते थे।  कुछ लोग तो शक्तिमान की नकल करने की कोशिश करते थे, और गोल-गोल घूमने के चक्कर में स्वयं को चोट पहुंचा देते थे। और उस समय गांव या मोहल्लों में ज्यादा टीवी नहीं हुआ करती थी। तो हम सभी दीवार पर चढ़कर सीरियल शुरू होने से कुछ देर पहले ही सिग्नल के लिए एंटीना सेट कर टीवी के सामने बैठ जाते थे। ताकि हम पूरा कार्यक्रम अच्छे से देख सकें। उस समय बचपन का एक अलग ही आनंद हुआ करता था। छोटी-छोटी बातों पर जिद्द करना यह भी हम सभी की आदत हुआ करती थी। हम सभी घंटों दीवार पर बैठकर टीवी देखा करते थे। कभी टीवी देखते हुए दीवार से गिर जाए तो घर जाकर मां के हाथ की पिटाई खाना पड़ता और मां भी घाव पर मरहम लगाने की बजाय पीट दिया करती थी। बचपन की यादों को भुलाया नहीं जा सकता। आखिर हमारा बचपन ही इतना अच्छा था।।

  *बचपन था हमारा इतना प्यारा,*
  *क्यों भूले हम बचपन की यादों को,*
*टीवी देखना और मार भी*
 *खाया हैं हमने दिन और रातों को*

    शिवम रामटेक्कर
      बालाघाट, मध्यप्रदेश

   5
6 Comments

Priyanka Rani

01-Dec-2021 11:05 PM

Nice

Reply

Shivam Ramtekkar

02-Dec-2021 08:52 AM

Thank you... 🙏🏻

Reply

Seema Priyadarshini sahay

16-Nov-2021 09:24 PM

बहुत खूब

Reply

Shivam Ramtekkar

17-Nov-2021 07:01 AM

धन्यवाद जी...

Reply

🤫

13-Nov-2021 10:43 PM

बहुत बढ़िया....

Reply

Shivam Ramtekkar

14-Nov-2021 07:06 AM

जी धन्यवाद 🙏🏻

Reply